"मेरे साजन हैं उस पार"
जीवन एक ऐसा सफ़र है जिसमें नही मालूम किन राहों से गुजरना होगा और कैसे कैसे मोड़ आयेंगे. यह
आलेख उन अभिशप्त महिलाओं के बारे में है जिनके पति शादी के कुछ ही दिनों
बाद उसे अकेला छोड़ कर गल्फ देशो में कमाने के लिए चले जाते हैं। केरल की
अधिकांश महिलाएं ऐसे ही जुदाई के गम में घुट घुट कर जी रही हैं। गल्फ में
काम कर रहे पुरूषों से शादी करने वाली महिलाएं लंबे इंतजार को अभिशप्त हैं।

समाज में पुरानी
प्रथा चली आ रही है कि पंद्रह साल की होते होते ही लड़कियों की शादी कर दी
जाए. समाज सोचता है कि पंद्रह साल की उम्र से ज्यादा होने पर लड़की के लिए
दूल्हा मिलना मुश्किल हो जाता है। खाड़ी में काम करने वाले युवक यहां की
पहली पसंद हैं. यानी ये सबसे योग्य वर समझे जाते हैं. अपने देश या अपने
राज्य में नौकरी करने वाले उनसे कमतर माने जाते हैं. माना जाता है कि खाड़ी
देश में काम करने वाले ज्यादा पैसे कमाते हैं. इसलिए इनकी मांग ज्यादा
है।बदलते ज़माने के साथ ये प्रथा समाज के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है
क्योंकि ऐसी लड़कियां अब मानसिक रोगी हो रही हैं। कई बार देखने में आया है
की शादी के बाद जो पैसा दहेज़ के रूप में दिया गया उसे लेकर उसका पति खाड़ी
के किसी देश नौकरी के लिए चला गया. फिर उसने संपर्क ही ख़त्म कर दिया। ये
अपना दुख ना तो किसी को बता सकती हैं और ना ही समाज से कोई शिकायत ही कर
सकती हैं. आज ये मानसिक रोगियों का जीवन जीने को मजबूर हो गई हैं।

इस तरह की शादियों के कई और पहलू भी
है. वो लड़के, जो अपनी पूरी ज़िंदगी खाड़ी के देशों में मेहनत कर बिता देते
हैं ताकि उनका परिवार सुखी रहे, वो ज़िन्दगी के अगले पड़ाव में अपने आपको
अकेला महसूस करने लगते हैं.परिवार से दूर रहने की वजह से परिवार के लोगों
का उनसे उतना भावनात्मक जुडाव नहीं रहता. उन्हें लगता है कि वो बस पैसे
कमाने की एक मशीन भर बन कर रह गए हैं. “कमाने के लिए बहार गए. रात दिन
मेहनत की. दूर रहकर पैसे इकठ्ठा किए. दूर रहने से क्या हुआ. ये हुआ कि
हमारे लिए किसी की कोई भावना नहीं है. हम साथ नहीं रहे ना. अब ना बीवी
पहचानती है न बच्चे.”
थक गए हम उनका इंतज़ार करते-करते;
रोए हज़ार बार खुद से तकरार करते-करते;
दो शब्द उनकी ज़ुबान से निकल जाते कभी;
और टूट गए हम एक तरफ़ा प्यार करते-करते।
"मेरे प्रियतम, तुम
बाहर जाना चाहते हो और तुम्हारा रास्ता कठिन और दूर है। आज जाने के बाद तुम
कब वापिस आओगे, जाने से पहले मुझे एक वचन दो, और मैं तुम्हारे लौटने का
इंतजार करूंगी।"✍........महेन्द्र आल, 9610969896
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