मातृ-पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
हिंदू धर्म में माता को भगवान का रूप माना जाता है। एक शिशु जो कुछ भी सीखता है सबसे पव्हले अपने माता पिता से सीखता है। ना सिर्फ हिन्दू धर्म में बल्कि विश्व के हर क्षेत्र हर समाज और हर राज्य में माता पिता को सम्मान दिया जाता है।हिन्दू परिवारों में यह आम बात है कि बच्चे अपने माता पिता के पैरों को छूकर आशीर्वाद ग्रहण करते हैं। कुछ बच्चे तो अपने माता पिता के पैर हर दिन सवेरे छूकर आशीर्वाद लेते हैं ऐसा करना भी चाहिए।
हिन्दू धर्म में माता पिता की पूजा रिवाजों का एक हिस्सा है। माँ को बच्चों का पहला गुरु माना जाता है और पिता को दूसरा माना जाता है।
इसीलिए तो कहा जाता है – माताः पिताः गुरू दैवं
यह संस्कृत का एक प्रसिद्ध हिन्दू बोल हैं जिसमें माता पिता को शिक्षक का दर्ज़ा बताया गया है। यह वाक्य वेदों और पुराणों से लिया गया है जिसमें माता पिता को सम्मान दिया गया है।
माता पिता हमारा ख्याल रखते है बचपन से लेकर बड़े होने तक। बिना कोई आस के वो हमें पढ़ाते है, लिखाते हैं और साथ ही दिन रात हमारी चिंता करते हैं। हमारा कर्तव्य होता है कि हम अपने माता पिता का सम्मान करें और साथ ही उनका ख्याल रखें।
उनका भी एक ऐसा समय आता है जब उन्हें हमारी जरूरत होती है वो है उनके बुढ़ापे के समय। ऐसे समय में हमें उनका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
इस जीवन में माता पिता से बढ़ कर कोई नहीं। जियो तो माता पिता के लिए, कुछ बड़ा बनो तो माता पिता के सम्मान के लिए।
जिसने की मां बाप की सेवा तो उसका बेड़ा पार है।
अरे जिसने दुःखाई आत्मा, वो तो डुबता मझधार है।
अर मात-पिता-परमात्मा नहीं मिलते दुजी बार ह।।
इण दुनिया में मां - बाप भगवान केविजे।
अरे जिसने दुःखाई आत्मा, वो तो डुबता मझधार है।
अर मात-पिता-परमात्मा नहीं मिलते दुजी बार ह।।
इण दुनिया में मां - बाप भगवान केविजे।
इसी के साथ मेरी तरफ से आप सभी बन्धुओं को मातृ-पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
✍........महेन्द्र आल 9610969896, मनीष आल 8696445280
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